Dhanteras Kyu Manaya Jata Hai

 Dhanteras Kyu Manaya Jata Hai


जब समुद्र मंथन हुआ था तो अमृत कलश लेके धन्वन्तरि देवी प्रकट हुई थी वो कार्तिक मास की त्रयोदशी थी|

इसलिए हर साल इस दिन धनतेरस मनाया जाता है| इस दिन धन के लिए भगवान कुबेर और आरोगय के लिए

धन्वन्तरि माता की पूजा की जाती है इस दिन नए दिन मूल्यवान धातुओं, नए बर्तनों और आभूषणों की खरीदारी का 

विधान होता है|


धनतेरस
 के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवन्तरि की पूजा का महत्व है।

धनतेरस के दिन कितने दिए जलाए?

13 डीप घर के अंदर जलाये और 13 घर के मुख्या द्वार पर जलाये

Dhanteras 2021

Sunday
23 October


धनतेरस संस्कृत श्लोक

`ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरिरेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। भावार्थ : हे लक्ष्मीपते !

धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए

  1. नया खाता खोलें
  2. गोमती चक्र 
  3. लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा 
  4. सोना या चांदी
  5. बर्तन

  6. धनतेरस विशेष : श्री भगवान धन्वंतरि जी की आरती

  7. जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
    जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

    तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
    देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

    आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
    सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।

    भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
    आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।

    तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
    असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।

    हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
    वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

    धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
    रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।


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