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जय श्री राम दोस्तों, राम मंदिर की फोटोज आप हमारे एल्बम मे देख सकते है : 
 जय श्री राम दोस्तों, हम सब जानते है इस वर्ष हिंदुस्तान मे दीपावली का त्यौहार 2 दिन मनाया जायेगा एक साल के आखिरी महीनो मे और एक साल के शुरुवात मे ।  जी हां हम बात कर रहे है २२ जनवरी की।  22 जनवरी के दिन हमारे रामलला का अयोध्या के राम मंदिर मे प्राण-प्रतिष्ठा होगी और ये दिन हर हिन्दू सनातनी के लिए बहुत गर्व और खुशी मनाने का है। 500 वर्षो की प्रतीक्षा अब 22 जनवरी को समाप्त को और हम सब के आराध्य मर्यादा पुरषोतम श्री राम अपने आसान मे विराजमान होंगे।  अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले रामलला की प्रतिमा की पहली पूरी तस्वीर सामने आई। काले पत्थर से बनी मूर्ति में भगवान का विहंगम स्वरूप दिखाई दे रहा है।  अगर आपको पोस्ट पसंद आयी हो तो और लोगो को भी शेयर करे।  फोटो क्रेडिट : https://www.facebook.com/ayodhyawale1
108 फुट संकट मोचन धाम मंदिर मे श्री बालाजी महाराज की विश्‍व की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा विराजमान है। संकट मोचन धाम का निर्माण जगप्रसिद्ध ब्रह्मलीन नागाबाबा श्री सेवागिरी जी महाराज ने कराया था।  30 सितंबर 2006 को श्री ब्रह्मलीन नागाबाबा जी ज्वालाजी मंदिर, कांगड़ा हिमाचल प्रदेश से पवित्र अखण्ड ज्योति को श्री हनुमान मंदिर लेकर आए थे, जो तब से अभी तक लगातार मंदिर मे प्रकाशित हो रही है। हनुमान मंदिर का विस्तार तीसरी मंजिल तक है, जिसके सबसे ऊपर मंजिल पर स्वयं पंचमुखी श्री हनुमान विराजमान हैं। मंदिर की गुफा मे माँ वैष्णो देवी भी अपनी सुन्दर और पवित्र तीन पिंडियों के साथ गुफा मे विराजमान हैं।   मंदिर के समीप ही बायीं तरफ श्री शनि देव का भी मंदिर है जिसमे शनिवार के दिन भक्तो की काफी भीड़ होती है।   मंदिर मे हर साल 25 जनवरी के दिन बड़ा भंडारा आयोजित किया जाता है।   दूर से आने वाले लोग या जो लोग दिल्ली मे नए है उनके लिए मंदिर मे पहुंचने का सबसे आसान तरीका दिल्ली मेट्रो है। मंदिर के सबसे नजदीक दिल्ली मेट्रो का झंडेवालान मेट्रो स्टेशन है जिससे भक्तो को आने-जाने के लिए काफी सुविधा मिलती है। बालाजी बाबा
  हनुमान तुम्हारा क्या कहना भजन लिरिक्स कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही  हनुमान तुम्हारा क्या कहना  तेरी भक्ति का क्या कहना  तेरी शक्ति का क्या कहना  सीता खोजकरी तुमने  सात समुंदर पार गये  लंका को किया शमशान प्रभु  बलवान तुम्हारा क्या कहना  तेरी भक्ति का क्या कहना.. जब लक्षमणजी को शक्ति लगी  तुम धौलागिर पर्वत लाये  लक्ष्मण को बचाए आ करके  तब प्राण तुम्हारा क्या कहना  तेरी भक्ति का क्या कहना.. तुम भक्त शिरोमणि हो जग में  तुम वीर शिरोमणि हो जग में  तेरे रोम रोम में बसते है सियाराम तुम्हारा क्या कहना  तेरी भक्ति का क्या कहना.. कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही  हनुमान तुम्हारा क्या कहना  तेरी भक्ति का क्या कहना तेरी शक्ति का क्या कहना  Singer:-   Lakhbir Singh Lakkha
           दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है लिरिक्स दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है, संकट हरने वाले को हनुमान कहते है | हो जाते है जिसके अपने पराये हनुमान उसको कंठ लगाये, जब रूठ जाये संसार सारा बजरंग बलि तब देते सहारा , अपने भक्तो का बजरंगी मान करते है संकट हरने वाले को हनुमान कहते है| दुनिया में काम कोई ऐसा नहीं है हनुमानजी के जो बस में नहीं है, जो चीज मांगो पल में मिलेगी झोली ये खाली खुशियों से भरेगी , सच्चे मन से जो भी इनका ध्यान करते है संकट हरने वाले को हनुमान कहते है | कट जाये संकट इनकी शरण में बैठ के देखो बजरंग के चरण में , भक्त की बातो को झूठ मत मानो फिर ना फसोंगे तुम जीवन मरण में , इनके सिने में सदा सियाराम रहते है संकट हरने वाले को हनुमान कहते है | Singer : Lakhbir Singh Lakkha
Lete Hanuman Ji Ka Mandir  बजरंगबली यानि चमतकार का दूसरा नाम यह सभी भक्तजन जो भगवान पर आस्था रखते है वो जानते और मानते है।  चाहे वो समुद्र पार करके लंका में सीता माता की खोज हो या लंका में जाकर लंका में आग लगाना या भगवान श्री राम की युद्ध में मदद करना।   प्रयागराज में श्री बजरंगबली महाराज का भव्य मंदिर है जहाँ बजरंगबली आराम की मुद्रा मे है।  माना जाता है यहाँ भगवान भक्तो की सारी मनोकामनाएं पूरी करते है।  श्री बजरंगबली का यह मंदिर संगम के किनारे है और ऐसा मन जाता है की इनके दर्शन किये बिना गंगा स्नान अधूरा होता है।  इस मंदिर मे श्री बजरंगबली की प्रतिमा कम से कम 20 फ़ीट लम्बी है और धरती के कम से कम 6-7 फ़ीट निचे है। श्री बजरंगबली के इस मंदिर को लेटे हुए हनुमान जी ( Lete hue Hanuman ji ) के नाम से भी जाना जाता है।  ऐसा माना जाता है की इस मंदिर मे श्री हनुमान जी अपनी एक भुजा से अहिरावण और दूसरी भुजा से दूसरे राक्षस को दवाये हुए अवस्था में है।  आखिर क्यों लेटे हुए है हनुमान जी ? ( Aakhir Kyon lete hue hai Hanuman Ji ) ऐसा कहा गया है जब लंका पर विजय प्राप्ति के बाद हनुमान जी वापस लौट रहे थे तो
 कामाख्या मंदिर का रहस्य (Kamakhya mandir ka rahasya) कामाख्या मंदिर (  Kamakhya Mandir )  भारत के अनेक रहसयमय मदिरो में से एक ह। ये मंदिर आसाम की राजधानी दिसपुर  के पास गुवाहाटी से ८ किलोमीटर दूर है।  पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान शिव माता साती के देह त्यागने के बाद घूमने लगे तो भगवन विष्णु ने अपने चक्र से माता के कई भाग किये और उनमे से ही एक भाग माता का (योनि) नीलाचल पहाड़ी में गिरा और वो देवी का रूप धारण किया इस रूप को माता कामाख्या कहा गया है।  भक्त यहाँ देवी की पूजा करने के लिए दूर दूर से आते है क्युकी जिस प्रकार मनुष्य अपने माँ की योनि (गर्भ) से जन्म लेता है, लोगो की मान्यता है उसी प्रकार जगत की माँ देवी सती की योनि से संसार की उत्पत्ति हुई है जो कामाख्या देवी के रूप में है। कामाख्या का अर्थ क्या है ( Kamakhya ka matlab kya hai ) ? कामाख्या माँ दुर्गा का ही एक रूप है और इसका अर्थ है देवी दुर्गा, इच्छाओं की दाता| कामाख्या मंदिर में किसकी पूजा होती है ( kamakhya mandir mein kiski puja hoti hai ) ? माता की योनि की पूजा होती है | गुवाहाटी से कामाख्या मंदिर की दूरी ( Guwahati se kama
Shani Shingnapur Mandir ke Rahasya शनि शिंगणापुर (   Shani Shingnapur )  गाँव  जिसकी जनसंख्या तकरीबन ३००० है काफी अद्भुत गाओ में से एक है जहा न तो दरवाजे है न ही चोरो का खौफ है यहाँ शनि भगवान की असीम कृपा है और यहाँ शनि शिंगणापुर बोहोत ज़्यादा ही लोकप्रिय है। ऐसा कहा जाता है की यहाँ पर कभी चोरी नहीं हुई है और श्रदालु अपने गाडी को कभी लॉक नहीं लगते है क्युकी यहाँ कभी चोरी नहीं होती है।  हिन्दू धर्म में ऐसा कहा गया है कि कोबरा का काटा और शनि का मारा पानी नहीं मांगता।  हर शनिवार महाराष्ट्र के कोने कोने से दर्शनाभिलाषी यहाँ आते हैं सुर भगवन शनि की आरती और अभिषेक करते है।  शनि शिंगणापुर में चोरी क्यों नहीं होती है ( Shani shingnapur village without doors Maharashtra )? हां यहाँ चोरी की कोई घटना नहीं होती है क्युकी यहाँ ऐसा मन जाता है की अगर कोई व्यक्ति ऐसा कुछ करता है तो शानि भगवन उसको खुद दंड देते है और कोबरा का काटा और शनि का मारा पानी नहीं मांगता ये तो हिन्दू धरम में कहा ही गया है।  शनि शिंगणापुर कौन से जिले में ( Shani Shingnapur konse state mein hai )? ये  महाराष्ट्र के  अहमदनगर जिले मे
Tirupati Balaji Mandir ka rahasya भारत मे अनेक रहस्यमयी और चमत्कारिक मंदिर है जिसमे दर्शन मात्र से आपको भगवान् के साक्षात् उपस्थित होने की अनुभूति हो जाएगी।  आज हम ऐसे ही चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर के बारे मे बात करेंगे।  तिरुपति बालाजी का मंदिर भारत समेत पूरी दुनियाभर मे बहुत प्रशिद्ध और माना जाने वाला मंदिर है।   तिरुपति बालाजी के दर्शन करने भक्तजन दूर देश विदेश से आते है। यह भी माना जाता है की तिरुपति बालाजी के दर्शन मात्र से इंसान की बड़ी से बड़ी समस्या भी पलभर मे समाप्त हो जाती है। तिरुपति बालाजी  मंदिर ( Tirupati Balaji mandir ) आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित है और यह भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है।  तिरुपति बालाजी (  Tirupati Balaji )  का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है जो स्वयं भगवान विष्णु के अनेक रूपों मे से एक हैं।  पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। यह भी माना जाता है की तिरुपति बालाजी (  Tirupati Balaji )  मंदिर मे बाल दान करना बढ़ा ही शुभ माना जाता है।  इस अलौकिक
मनुष्य जीवन सुख और दुःख दोनों से भरा होता है।  ऐसा कोई नहीं जो कभी दुखी ना हो। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार अनेक तरह के दोषो के कारण मनुष्य का जीवन प्रभावित होता रहता है। और इन समस्याओं का समाधान अगर कहीं है तो वो है श्री हनुमान चालीसा मे।  ज्योतिष और ऋषि मुनि मानते है की जो इंसान श्री हनुमान चालीसा का पाठ निरंतर और प्रतिदिन करता रहता है उसके जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या भी तुरंत समाप्त हो जाती है। बजरंगबली चिरंजीवी है और इस कलयुग मे भी जागृत देव है।  हर व्यक्ति को रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करने से नीचे दिए गए लाभ होते है -  प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। प्रतिदिन श्री  हनुमान चालीसा का पाठ करने से हर प्रकार के भय से मुक्ति मिल जाती है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन की सभी आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। नित्य नियम से श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की साढ़ेसाती से भी मुक्ति मिल जाती है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रहती है।  प्रतिदिन श्री हनुमान च
      जय बजरंगबली हम हनुमानजी जी को कई नाम से जानते है और उनको उसी नाम से बुलाते है कोई उन्हें हनुमान कहते है कोई बजरंगबली पर भगवान के और भी कई नाम है  इनमे से कुछ अपने सुने भी होंगे जैसे पवन पुत्र हनुमान, मारुती नंदन सभी नमो में जो सबसे ज़्यादा लोक प्रिय है वो है भगवान हनुमान और बजरंगबली तो दोस्तों आइये जनते है कुछ और नमो को जो सायद अपने सुने नहीं होंगे  हनुमान अंजनीसुत वायुपुत्र महाबल रामेष्ट फाल्गुनसखा पिंगाक्ष अमितविक्रम मारुती नंदन बजरंग बाण लिरिक्स
Hanuman bhagvaan( बजरंग बली ) के बारे मे तो पूरा संसार जानता है।  Hanuman bhagvaan की इजाजत के बगैर तो एक पत्ता भी नहीं हिलता।  इस वेबसाइट के माध्यम  से हम कोशिस करेंगे की हम आप लोगो तक Hanuman bhagvaan से जुडी सारी kahani, Hanuman katha, bal hanuman story, किस्से और Hanuman bhagvaan से मनचाहा वरदान प्राप्त करने के लिए Hanuman shaktishaali Mantras और dohe आप लोगे तक प्रस्तुत करने की कोशिस करेंगे।  हम लोग जानते है की सभी देवो मे Shree Hanuman bhagvaan को खुश करना सबसे आसान है इसलिए हमें विश्वास है की इस वेबसाइट मे आने के बाद और इस वेबसाइट मे दिए गए मंत्रो का सही इश्तेमाल करके आप लोग के जीवन मे अवश्य ही सुख और समृद्धि की बरसात होने लगेगी। श्री बजरंग बली महाराज या कहे श्री हनुमान सब एक ही है।  श्री बजरंग बली जिनको मारुती के नाम से भी जाना जाता है वो माता अंजनी और पवन देव के पुत्र है।   श्री बजरंग बली के अनेक नामो में से श्री हनुमान सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है। भगवान् श्री बजरंगबली जी को तुलसी की माला मंगलवार और शनिवार को चढ़ाई जाती है।  श्री बजरंग बली ने भगवान श्री राम की मदद की थी माता सीता क
हम सब जानते है झंडा विजय का प्रतीक होता है इसलिए जब बजरंगबली को हम झंडा चढ़ाते है तो हमें हमारे प्रत्येक काम मे सफलता प्राप्त होती है।  याद रखे बजरंगबली को जो झंडा चढ़ाये वो लाल या केसरिया रंग का हो, त्रिकोणीय हो और उसपर जय श्री राम अवश्य लिखा हो।  श्री बजरंगबली का झंडा किस दिन लगाना चाहिए ? श्री बजरंगबली का झंडा लगाने का सबसे सुबह दिन है मंगलवार।  मंगलवार के दिन स्नान करने के उपरांत बजरंगली की पूजा अर्चना के बाद आप बजरंगबली का झंडा अपने घर की छत या आँगन मे लगा सकते है।  श्री बजरंगबली का झंडा लगाने से क्या होगा ? श्री बजरंगबली का झंडा लगाने से आपको हर कार्य मे विजय प्राप्त होगी। आप किसी भी कार्य मे फिर कभी असफल नहीं होंगे। जय श्री राम !!! मेहंदीपुर बालाजी जाने का दिल्ली से सबसे आसान तरीका क्या है ?
  Hanuman bhagvaan के बारे मे तो पूरा संसार जानता है।  Hanuman bhagvaan की इजाजत के बगैर तो एक पत्ता भी नहीं हिलता।  इस वेबसाइट के माध्यम  से हम कोशिस करेंगे की हम आप लोगो तक Hanuman bhagvaan से जुडी सारी kahani , Hanuman katha, bal hanuman story, किस्से और Hanuman bhagvaan से मनचाहा वरदान प्राप्त करने के लिए Hanuman shaktishaali Mantras और dohe आप लोगे तक प्रस्तुत करने की कोशिस करेंगे।  हम लोग जानते है की सभी देवो मे Shree Hanuman bhagvaan को खुश करना सबसे आसान है इसलिए हमें विश्वास है की इस वेबसाइट मे आने के बाद और इस वेबसाइट मे दिए गए मंत्रो का सही इश्तेमाल करके आप लोग के जीवन मे अवश्य ही सुख और समृद्धि की बरसात होने लगेगी।   बजरंगबली हनुमान भगवान् जी को पीपल के पत्तो की माला पान के साथ अर्पित करनी चाहिए। ऐसे करने से आपके रूके हुए सारे काम मंगलवार के ये दोनों चीजें चढ़ाने से पूरे हो जाएंगे।  साथ ही ऐसा करने से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा। ध्यान रहे कि केवल पान नहीं बल्कि पान का बेड़ा हनुमान भगवान् जी को अर्पित करना है।  जय श्री राम !!! मेहंदीपुर बालाजी जाने से पहले इन रहस्यों को ज
Bajrang Baan paath hindi mein जो भक्त बजरंगबली का सच्चे दिल से प्रार्थना करता है उसको देवो के देव बजरंगबली सभी प्रकार की विपदाओं से बचाकर रखते है ।  वैसे तो भक्त श्री हनुमान चालीसा का पाठ करते है ताकि बजरंगबली को जल्दी खुश कर सके लेकिन अगर हनुमान चालीसा के साथ मे अगर बजरंग बाण का भी पाठ किया जाए तो भक्तो को हनुमान भगवान् की असीम कृपा प्राप्त होती है।    बजरंग बाण का पाठ ( Bajrang baan paath ) करने से पहले भक्तो को बजरंग बाण का पाठ करने का सही तरीका पता होना चाहिए :  1.  बजरंग बाण पाठ की विधि बजरंग बाण पाठ हमेशा मंगलवार से ही आरंभ करना चाहिए।  2. पाठ करने के लिए मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 3.  जिस स्थान पर भी आप पूजा करना चाहते हैं उस स्थान को अच्छे से साफ करें और भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें।  4. जैसा कि हम सभी जानते हैं भगवान गणेश सभी देवों में प्रथम पूजनीय हैं। इसलिए सर्वप्रथम गणेश जी की आराधना करें और फिर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें।  5. इसके बाद भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें और हनुमान जी को प्रणाम करके बजरंग बाण के पाठ का स